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Wednesday, March 9, 2011

The government fell or survivors do not care ( सरकार गिरे या बचे कोई परवाह नहीं )Sonia Jee



The government fell or survivors do not care
 
New Delhi. Puzzle over seat sharing with DMK in Tamil Nadu during the Congress party president Sonia Gandhi to save the credibility of the government was willing to put at stake. Sonia said that threats to withdraw support of the DMK did not affect them. But their chief objective was to maintain party reputation.

Sonia, an English daily that "I did not care that the government or left loose. DMK to withdraw support by Parkaoi pressure was not me. But we continued negotiation. Was not a question of saving the government, nor my personal was a question of reputation but the reputation of the Indian National Congress was concerned. "
Sonia wondered at the fact that the party with his allies have always been nice to how he can deal with us ऎsi. Significantly, the Tamil Nadu Vidhansh elections on the issue of seat sharing between the two parties were differences. 163 seats followed by Congress was adamant Lenepar DMK had withdrawn its ministers from the UPA government. However, after long conversations between the two was agreed at the Congress 163 seats.



Hindi
"सरकार गिरे या बचे कोई परवाह नहीं"
 

नई दिल्ली। तमिलनाडु में डीएमके के साथ सीटों के बंटवारे पर माथापच्ची के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पार्टी की साख बचाने के लिए सरकार को भी दांव पर लगाने को तैयार थी। सोनिया ने कहा कि, समर्थन वापस लेने की डीएमके की धमकियों का उन पर कोई असर नहीं था। बल्कि पार्टी को प्रतिष्ठा को बरकरार रखना उनका प्रमुख उद्देश्य था।

सोनिया ने एक अंग्रेजी दैनिक से कहा कि "मुझे कोई परवाह नहीं थी कि सरकार गिरे अथवा बचे। डीएमके द्वारा समर्थन वापस लेने का मुझ परकोई दबाव नहीं था। लेकिन हमने बातचीत जारी रखी। यह सरकार बचाने का सवाल नहीं था और न ही मेरी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का सवाल था बल्कि यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रतिष्ठा का सवाल था।"

सोनिया ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि जिस पार्टी ने अपने सहयोगी दल के साथ हमेशा अच्छा बर्ताव किया हो वह कैसे हमारे साथ ऎसी सौदेबाजी कर सकती है। गौरतलब है कि तमिलनाडु विधानसभ चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर दोनों पार्टियों के बीच मतभेद हो गए थे। कांग्रेस 163 सीट लेनेपर अड़ी थी जिसके बाद डीएमके ने यूपीए सरकार से अपने मंत्रियों को हटा लिया था। हालांकि दोनों के बीच लंबी बातचीत के बाद कांग्रेस को 163 सीटें मिलने पर सहमति बनी थी।

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