नई दिल्ली। सोनिया गांधी ने शुक्रवार को लगातार चौथी बार कांग्रेस अध्यक्ष बनकर नया रिकॉर्ड कायम किया है। सोनिया को निर्विरोध पार्टी अध्यक्ष चुन लिया गया। कांग्रेस ने आज इसका औपचारिक ऎलान किया। सोनिया 12 साल से पार्टी की अध्यक्ष हैं।
गुरूवार को एकमात्र पर्चा उन्होंने ही दाखिल किया था। इस औपचारिकता को पूरा करने में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी समेत सभी पदाधिकारियों, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केन्द्रीय मंत्रियों व प्रदेश अध्यक्षों ने अपना योगदान दिया।
केन्द्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष आस्कर फर्नांडीस ने बताया कि सोनिया गांधी के समर्थन में 56 प्रस्ताव आए जिसमें से एक प्रस्ताव चंडीगढ़ का रद्द किया गया।
पीएम ने भरा पहला प्रस्ताव
सोनिया ने 1998 में पार्टी की कमान संभाली थी। सोनिया गांधी को अध्यक्ष बनाने का सबसे पहला प्रस्ताव गुरूवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भरा। इसके बाद प्रणव मुखर्जी के नेतृत्व में मंत्री व पदाधिकारी शामिल हुए। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी सहित कई नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष के समर्थन में पर्चे भरे।
सोनिया अध्यक्ष पद त्याग कर दिखाएं : भाजपा
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोनिया गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष पद त्यागने की चुनौती दी है। भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने गुरूवार को सोनिया गांधी को चुनौती देते हुए कहा कि यदि सोनिया में हिम्मत है, तो वो प्रधानमंत्री पद की तरह कांग्रेस अध्यक्ष का पद भी त्याग कर दिखाएं।
भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि कांग्रेस के संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी ब्लॉक, जिला या राज्य इकाई में पार्टी का अध्यक्ष दो कार्यकाल से अधिक बार नहीं संभाल सकता। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस लोकतांत्रिक पार्टी है तो संविधान के नियत सभी सदस्यों पर एक समान लागू किया जाना चाहिए।
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Mahi
गुरूवार को एकमात्र पर्चा उन्होंने ही दाखिल किया था। इस औपचारिकता को पूरा करने में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी समेत सभी पदाधिकारियों, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केन्द्रीय मंत्रियों व प्रदेश अध्यक्षों ने अपना योगदान दिया।
केन्द्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष आस्कर फर्नांडीस ने बताया कि सोनिया गांधी के समर्थन में 56 प्रस्ताव आए जिसमें से एक प्रस्ताव चंडीगढ़ का रद्द किया गया।
पीएम ने भरा पहला प्रस्ताव
सोनिया ने 1998 में पार्टी की कमान संभाली थी। सोनिया गांधी को अध्यक्ष बनाने का सबसे पहला प्रस्ताव गुरूवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भरा। इसके बाद प्रणव मुखर्जी के नेतृत्व में मंत्री व पदाधिकारी शामिल हुए। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी सहित कई नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष के समर्थन में पर्चे भरे।
सोनिया अध्यक्ष पद त्याग कर दिखाएं : भाजपा
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोनिया गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष पद त्यागने की चुनौती दी है। भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने गुरूवार को सोनिया गांधी को चुनौती देते हुए कहा कि यदि सोनिया में हिम्मत है, तो वो प्रधानमंत्री पद की तरह कांग्रेस अध्यक्ष का पद भी त्याग कर दिखाएं।
भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि कांग्रेस के संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी ब्लॉक, जिला या राज्य इकाई में पार्टी का अध्यक्ष दो कार्यकाल से अधिक बार नहीं संभाल सकता। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस लोकतांत्रिक पार्टी है तो संविधान के नियत सभी सदस्यों पर एक समान लागू किया जाना चाहिए।
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